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शायरी..

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 कभी-कभी सोचता हूं, मैं तेरा आदि हो गया हूँ,   फिर अचानक से खयाल आता है,   शायद इसी का नाम प्यार है ..!!💓                      जिसको जितना दर्द मिलता है उसे ख़ुसी -ख़ुसी                     उस दर्द को सहना चाइए , क्या पता वो किसी      की ख़ुसी का कारण हो।                     तेरे मन में मेरे लिए कितना प्यार है ,मुझे कोई फ़र्क़   नहीं पड़ता , लेकिन मैं तेरे लिए कुछ भी कर   सकता हूँ , कुछ भी मतलब कुछ भी ..!!💕💕

इन्सान कैसे बन गया हैवान ..!!

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!वो हार गई! वो चीख़ती रही, चिल्लाती रही,लेकिन उसकी  चीख़ और चिल्लाहट दरिंदगी के आगे झूक गई , वो हार गई उन इंसानों के भेश में आये हैवानों से .. वो हार गई इस दुनियां से  वो हार गई इन इंसान रूपी राक्षशो से , वो हार गई अपनी माँ से .. अरे ज़रा सी चोट भी लगने से क्या हाल हो जाता है उस माँ का ,इस बेटी की दरिन्दगी को देखकर क्या बीती होगी उस माँ पर , कहने को शब्द नहीँ ? चंद ही पलों में हैवानो ने छीन ली उसकी सारी जिंदगी की  खुशियाँ .. वो आख़िरी सांस तक उन बहनों के लिए लड़ती रही .. और आख़िर में वो अपनी जिंदगी से हार गई .. वो हार गई , वो हार गई !                              Justice for manisha valmiki .             (हाथरस गैंग रेप, अक्टूबर07,2020)                           

जल का गिरता स्तर..!!

 सूख गये सब खेत खलियान ... मानों हरियाली ने ओढ़ लिया हो कोई परिधान  प्रकृति के आगे बेबश हैं हर इन्सान सूख गये सब खेत खलियान ... अम्बर से नीर बरसे तो होवे सब हरा भरा , अन्येथा सभी हैं बेजान सूख गये सब खेत खलियान ... दिसंबर-जनवरी के मास में हरियाली मानो मन मोह रही थी ,लेकिन सूखे खेत देख शरीर से निकली जा रही हैं जान  सूख गये सब खेत खलियान ... हे भगवान ! शायद इन्सान जल की महत्वता से था अंजान सूख गये सब खेत खलियान ... कुछ और कहने को नही हैं मेरे पास शब्द , क्योंकि मैं भी हूँ एक बेबश इन्सान सूख गये सब खेत खलियान ....                                            लेखक-अजय कुमार सांखला